-:3 जुलाई
1945:-
सिंगापुर से प्रसारण
"भारत
में मेरे भाइयों और बहनों, आज ही वह दुर्भाग्यपूर्ण दिन है, जब कांग्रेस
कार्यसमिति लार्ड वावेल के प्रस्ताव पर विचार करने के लिए बैठक कर रही है। भारत की
विभिन्न समाचार एजेंसियों के माध्यम से जो रपटें बाहर आ रही हैं, उनसे तो ऐसा लगता
है कि कांग्रेस कार्यसमिति के ज्यादातर सदस्य लार्ड वावेल के प्रस्ताव के तहत
ब्रिटिश सरकार के साथ एक समझौते पर पहुंचने के लिए उद्यत हैं; लेकिन
अखिल भारतीय कांग्रेस समिति और कांग्रेस के पीठ पीछे कार्यसमिति द्वारा इस तरह का
एक महत्वपूर्ण निर्णय लेना न तो संवैधानिक दृष्टिकोण से उचित है, और न ही नैतिक
दृष्टि से। संवैधानिक रूप से कार्यसमिति के पास ऐसा करने
की शक्ति नहीं है। लार्ड वावेल के प्रस्ताव की स्वीकृति न केवल काँग्रेस के मौलिक
सिद्धांतों और कांग्रेस के प्रस्तावों का हनन होगी, बल्कि सुदूर
पूर्व में ब्रिटेन के साम्राज्यवादी युद्ध में यह भारतीय लोगों को पूरे मन से शामिल
कर लेगी।"
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